जिले में साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस थाना कोतवाली और जिला एजीटीएफ (एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स) ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग से जुड़े एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जबकि उसके एक अन्य साथी को नामजद कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी के कब्जे से 24 बैंक खाता पासबुक, 18 एटीएम-डेबिट कार्ड, 5 बैंक खाता चेकबुक, 4 बारकोड स्कैनर, 2 स्पीकर क्यूआर कोड और 3 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।
साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त
पुलिस के अनुसार आरोपी साइबर ठगी के लिए ओमनी कार्ड एप, नवि एप, एनएवाई वॉलेट और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करता था। आरोपी और उसके साथी लोगों से उनके बैंक खातों को किराए पर लेते थे और फिर उन्हीं खातों का उपयोग ठगी के लेनदेन के लिए करते थे।
मुखबिर की सूचना पर हुई कार्रवाई
23 सितंबर को साइबर फ्रॉड की शिकायतशुदा खातों की जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि ललित शर्मा नामक युवक, निवासी लोयल (थाना खेतड़ी नगर), जो झुंझुनूं शहर के बीरबल बाजार के पास चुरू बाईपास रोड पर किराए के मकान में रह रहा है।
उसके पास बड़ी मात्रा में एटीएम, पासबुक और चेक बुक हैं। जानकारी यह भी मिली कि ललीत बैंक खातों को कमीशन पर देता है और लोगों को रोजगार का लालच देकर ठगी करता है।
सूचना पर एजीटीएफ और थाना कोतवाली की संयुक्त टीम ने दबिश दी और आरोपी ललीत शर्मा को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हाल ही में झुंझुनूं शहर के चुरू बाईपास रोड पर किराए के मकान में रह रहा था और यहीं से ठगी के काम को अंजाम देता था। दबिश के दौरान उसके कब्जे से बड़ी संख्या में बैंकिंग से जुड़ा सामान बरामद हुआ।
पूछताछ में खुलासे
पूछताछ में आरोपी ललित शर्मा ने कबूल किया कि वह अंकित ढाका पुत्र रोहताश ढाका, निवासी लोयल (थाना खेतड़ी नगर) के साथ मिलकर लोगों से बैंक खाते किराए पर लेता और देता था। दोनों आरोपी ओमनी कार्ड एप, नवि एप और एनएवाई वॉलेट के जरिए रोजगार का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे। आरोपी ने बताया कि उनका गिरोह लंबे समय से इस काम में लिप्त है और कई राज्यों में लोगों को निशाना बना चुका है।
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